जानें मन को भटकने से रोकने के उपाय -man ko bhatkane se rokne ke upay hindi me

दोस्तों, जैसा आप जानते हैं मन बहुत ही चंचल या अस्थिर होता है जो हमेंश आपकी सोच के माध्यम से विचरण करने की कोशिश करता है. इस ब्लॉग पोस्ट में जानेंगे कि मन को भटकने से रोकने के उपाय क्या-क्या हैं.


दोस्तों, जब हमारा मन भटकता रहता है तो अपने काम पर अच्छी तरह से फोकस नहीं कर पाते हैं. जिस कारण  से किसी भी कार्य को उचित समय पर नहीं कर पाते हैं और हमारा ही नुकसान होता है.


जैसा कि आप जानते हैं मन हमेंशा इधर-उधर की बातों को याद करते हुए इधर-उधर भटकने की कोशिश करता रहता है.

 हमारा मन उसी दिशा की ओर आगे बढ़ता है, जिससे हमारा मन खुश रहता है. 


उदाहरण के लिए,

 जिस प्रकार से कोई प्यासा व्यक्ति पानी की तलाश में इधर-उधर भटकने की कोशिश करता है और अंत में पानी के लिए जुगाड़ करता है, ठीक उसी प्रकार से हमारा मन भी अच्छा महसूस या अनुभव करने के लिए इधर-उधर भटकता रहता है, जिसे नियंत्रित करना कभी-कभी हमारे वश की बात नहीं होती है.


हमारा मन कठिन कार्य करने में विश्वास नहीं करता है, लेकिन हमारा मन बहुत ही सरल उपाय को चुनना पसंद करता है जो कि कम समय में हासिल हो सके.


 जब भी हमारे मन को महसूस होता है कि हम कई प्रकार के कठिनाइयों का सामना नहीं कर सकते हैं, तो मन अच्छा महसूस करने के लिए दूसरी रास्ता पकड़ लेता है.


इस कारण से ज्यादातर व्यक्ति में ऐसा विचार या सोच पाया जाता है कि कम समय में वह सफल व्यक्ति कैसे बने या कम समय में वह अमीर व्यक्ति कैसे बने.


दोस्तों, घबराए नहीं हमारा मन भटकता है तो उसे भटकने ना देने के लिए उपाय भी बहुत सारे मौजूद हैं जो आपको सही मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा.



मन क्यों भटकता है ?


दोस्तों, सबसे पहले हमें जानने की कोशिश जरूर करनी चाहिए कि हमारा मन क्यों भटकता है या आखिर में हमारा मन क्यों भटकने की कोशिश करता रहता है.


दोस्तों, जब भी आप भूतकाल में जाने की कोशिश करते हैं और भूतकाल में जाकर कई प्रकार के विचार को उत्पन्न करने की कोशिश करते हैं तो हमारा मन उचित कार्य को करने से भटक जाता है और इस परिस्थिति में हमारा मन भटका होता है, जिससे बाहर निकलना मुश्किल हमें लगने लगता है.


हमें भूतकाल के भयानक घटनाएं याद करके निरंतर निराश होने की जरूरत नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे हमारा मन भटक जाता है.



मन को भटकने से रोकने के उपाय 


दोस्तों, जीवन में हमारे साथ ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती रहती है कि मन हमेंशा भटकने की कोशिश करता है.
 वह हमेंशा अच्छे और मजेदार सोच सोचने का प्रयास करता है जिसके कारण हमारे दिमाग में चल रहे सही भावनाओं को भी दबा दिया जाता है, जिससे हमारा मन भटक जाता है.

मन को भटकने से रोकने के उपाय




इसलिए दोस्तों अपने मन को भटकने से रोकने के लिए कुछ ना कुछ आपको उपाय जानने की जरूरत होना चाहिए क्योंकि जब आप मन को नियंत्रित करने की कोशिश करेंगे तो आप ही के लिए फायदेमंद साबित होगा और आप अपने भविष्य में मन को अच्छी तरह से कंट्रोल कर सकते हैं.


1) मन को भटकने से रोकने के लिए योगा करें


मन को भटकने से रोकने के लिए आपको योगा करने की आवश्यकता पड़ती है जो आपके मन को नियंत्रित करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होता है.


 योगा में ऐसी-ऐसी आसन होता है, जिसके माध्यम से आप कुछ आसन को अपनाकर आप अपनी मन को भटकने से रोक सकते हैं



2) मेडिटेशन मन के भटकाव को कम करता है


मन को भटकने के उपाय में एक मेडिटेशन भी आता है, जिसे साधारण भाषा में ध्यान करना कह सकते हैं. आप अपनी इंद्रियों पर काबू पाकर आप अपने मन को भी नियंत्रित कर सकते हैं. मेडिटेशन के माध्यम से आप अनियंत्रित मन को नियंत्रित कर सकते हैं.


मेडिटेशन करने के लिए आप को नियमित रूप से कुछ समय निकालना होगा ताकि आप मेडिटेशन करके मन को नियंत्रित करने के लायक बना सको.



3) स्वयं को किसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए व्यस्त रखें


दोस्तों, कभी कभी हमारे जीवन में ऐसा भी होता है कि जब हम खाली बैठे होते हैं या बिना कोई कार्य किए हुए चुपचाप सोचते रहते हैं तो हमारा मन भटकने लगता है और हमारा मन कई प्रकार के भावनाओं से भर जाता है और हमें वह भावना असमंजस में डाल देता है कि कौन-सा भावना सही है और कौन-सा भावना गलत है।


दोस्तों, यदि आप किसी लक्ष्य को पाने के लिए अपने आप को व्यस्त रखते हैं तो आप इस प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं और आप अपने मन के भटकाव को कम कर सकते हैं. जिससे आप प्रोडक्टिविट व्यक्ति बन सकते हैं और क्रिएटिव भी सोच सकते हैं. 


जब आप क्रिएटिव सोचेंगे तभी आप क्रिएटिव कार्य भी करेंगे, जिससे आपका ही भला हो सके.



4) अपने चेहरे पर से गुस्सा को दूर करें और मुस्कुराहट लाएं


दोस्तों, जब आप अपने चेहरे पर गुस्सा की भावना संजोए रहते हैं तो आप किसी चीज को आप देखते हैं, तो आपको उससे गुस्सा होने लगता है.


 इससे परिणाम स्वरुप यह होता है कि आप हर चीज को या कोई अन्य व्यक्ति के बारे में भी बुरा भला सोचने लगते हैं, जिससे आपके अंदर नकारात्मकता आप पर हावी हो जाता है और आप नकारात्मकता में ही फंसे रहते हैं. जिससे आपका मन भटकने लगता है और भटकता ही रहता है.


दोस्तों, हमेंशा कोशिश करें कि अपने चेहरे पर मुस्कान सच्चे दिल से रखें. जब आप अपने आप में मुस्कुराते हैं तो आपको आंतरिक शांति महसूस होता है और आपका मन आपके पास आपके नियंत्रण में होता है और आप अपने मन को अपने हिसाब के अनुसार या अपने हिसाब से नियंत्रित कर सकते हैं और आपका मन ना के बराबर भटकता है।


दोस्तों, यदि आप मुस्कुराते हैं तो आपके चेहरे के द्वारा सकारात्मक की भावना दिखाई देता है जिससे आपका दिमाग भी सकारात्मकता के सागर में डूबा रहता है. जिससे आपका मन सकारात्मक विचार को ही सोचता है और अच्छे कार्य करने की कोशिश करता है, जिससे आपकी जिंदगी को नई उड़ान मिल सके.



5) अपने मन में आलोचनात्मक विचार न आने दें


आलोचनात्मक विचार ऐसा विचार होता है कि जिससे आपको ऐसा महसूस होता है आप केवल स्वयं की बढ़ाई सुनना चाहते हो.

  लेकिन जब दूसरों की आलोचना करने की कोशिश करते हो, चाहे आप सोचकर करते हैं या बोलकर दोनों भावनाएं आलोचनात्मक भावना ही कहलाती है.

                        इसलिए दोस्तों कोशिश करें कि अपने मन में आलोचनात्मक भावना को अपने मन पर हावी ना होने दें, क्योंकि जब आप आलोचनात्मक भावना से ग्रसित हो जाएंगे.

 तो आप हमेंशा दूसरों की आलोचना करने में विश्वास ज्यादा कर सकते हैं क्योंकि आपको उस समय दूसरों की आलोचना करने में ही आपके मन को शांति महसूस होगा.



इस बात को अच्छी तरह से समझ लें कि अपने मन में किसी भी व्यक्ति या किसी चीज के प्रति संदेह की भावना और आलोचना की भावना कभी भी ना रखें.



6) स्वयं को अनुशासित रखने की कोशिश करें



दोस्तों, यदि आप स्वयं को अनुशासित ढंग से नहीं रखते हैं. इसका मतलब कि आप कई प्रकार के नकारात्मक भावनाओं में फँस जाएंगे, क्योंकि बिना अनुशासित रहे किसी भी भावना पर कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल होता है.


 लेकिन असंभव नहीं है, हर नकारात्मक भावना को दूर किया जा सकता है लेकिन जब आप अनुशासित तरीके से अपने जीवन को जीते हैं तो आप कई प्रकार के आने वाले नकारात्मक भावना को पछाड़ देते हैं और आप उसके बदले सकारात्मक भावना को अपनाते हैं.


 जिससे यह होता है कि आपके मन में आने वाले हर नकारात्मक भावना सकारात्मक में परिवर्तित होने की कोशिश करता है.


यह एक तरह से कला के समान होता है आप कोई भी नकारात्मक चीज को सकारात्मक भी बना सकते हैं. इसके लिए आपके पास कई प्रकार के मानसिक तरीके से संबंधित आपके पास कुछ-न-कुछ तो ज्ञान जरूर होना चाहिए.



निष्कर्ष:-

दोस्तों, इस पोस्ट के माध्यम से आपने समझा कि मन वास्तव में क्यों भटकते हैं और साथ ही साथ मन को भटकने से रोकने के लिए क्या-क्या उपाय हैं, जो करके  हम अपने मन को नियंत्रित कर सकते हैं.