अपनी नकारात्मक सोच को पॉजिटिव कैसे बनाएं- Apni Nakaratmak Soch Ko Positive Kaise Banaye


दोस्तों, जब हमारे दिमाग में निरंतर कोई नकारात्मक सोच लगातार प्रहार करते रहता है तो हमें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.


जैसा कि आप जानते हैं कि जीवन में कैसी भी मुश्किलें खड़े हो जाए लेकिन उससे बाहर निकलने की कोशिश तो जरूर करनी चाहिए.


यदि हमारे दिमाग में बार-बार नकारात्मक सोच आते जा रहा है, तो उसे अपने सावधानी से उसे बदलने की कोशिश जरूर करनी चाहिए.

दोस्तों, इस पोस्ट में आप जानेंगे कि अपनी नकारात्मक सोच को पॉजिटिव कैसे बनाएं.


हमें कभी-कभी अपनी गलत विचारधारा को सही करने की आवश्यकता पड़ जाती है और ऐसा होना भी चाहिए कि गलत विचारधारा को अच्छी विचारधारा में परिवर्तित किया जाना भी चाहिए.


गलत को अच्छे विचारधारा में परिवर्तित करना मुश्किल नहीं है लेकिन इतना भी आसान नहीं है जितना कि साधारण व्यक्ति समझते हैं, लेकिन अगर आप अपने मन में ठान लेंगे तो आप जरूर अच्छे विचारधारा को अपनाकर अनुशासित बन सकते हैं.


अपनी नकारात्मक सोच को पॉजिटिव कैसे बनाएं
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अपनी नकारात्मक सोच को पॉजिटिव कैसे बनाएं?


कुछ नकारात्मक विचार हमारे जीवन की गति को रोकने का कार्य करता है लेकिन जब हम उसे अलग तरीके से और अलग नजरिए से देखना स्टार्ट कर दें, तो हमारा नकारात्मक सोच भी सकारात्मक विचार में परिवर्तित हो सकता है अगर आप चाहेंगे तो.



दोस्तों, कोई भी विचार को परिवर्तन करने  की जिम्मेदारी आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप उस विचार को किस तरीके से महसूस करते हैं या देखते हैं.



1) नकारात्मक दृष्टिकोण को सकारात्मक नजरिए से महसूस करें


नकारात्मक ऊर्जा हमारे मन में बार-बार चक्कर लगाते ही रहता है, लेकिन नकारात्मक ऊर्जा को उचित तरीके के साथ सकारात्मक ऊर्जा में भी परिवर्तित किया जा सकता है, वर्शतें नकारात्मक ऊर्जा या सोच को अच्छी तरह से परख लेना चाहिए.


दोस्तों, ज्यादातर बार हम प्रकृति को ही नकारात्मक दृष्टिकोण से देखने लगते हैं, जिस कारण से प्रकृति भी हमें  नकारात्मक चीजों का ढेर वापस कर देता है जिसकी वजह से हम और दुखी और परेशान होने लगते हैं.



दोस्तों, प्रकृति तो अपना दैनिक कार्य निरंतर करता ही रहता है लेकिन हम प्रकृति में किस प्रकार से रहते हैं और प्रकृति के साथ कैसा व्यवहार करते हैं उस पर निर्भर करता है कि हमारा दृष्टिकोण प्रकृति को देखने का नजरिया कैसा होगा.


इसलिए दोस्तों प्रकृति को कभी भी बुरी नजर से नहीं देखने का प्रयास करना चाहिए, बल्कि अच्छे स्वभाव के साथ प्रकृति को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का प्रयास जरूर करना चाहिए जिससे हमें मानसिक और शारीरिक रूप से अच्छा अनुभव होता रहे.



2) अपने दिमाग को प्रशिक्षित करने का प्रयास करें



दोस्तों, जिस प्रकार से कोई भी घोड़ा को प्रशिक्षित करने के लिए उसे बार-बार प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पड़ती है, ठीक उसी प्रकार से हमारे दिमाग में आने वाले बहुत सारे विचारों को अच्छी तरह से नियंत्रित करने के लिए हमें प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है जो कि दिमागी स्तर पर या मानसिक स्तर पर किया जाता है।


शारीरिक स्तर से प्रशिक्षण पाना आसान होता है लेकिन दिमागी रूप से प्रशिक्षित होने में समय लगता है और मस्तिष्क को अच्छी तरह से केंद्रित करना भी कठिनाई भरा महसूस होता है।



अपने दिमाग को सुचारू ढंग से प्रशिक्षित करने के लिए कुछ समय निकालकर दैनिक स्तर पर प्रशिक्षण देने का कार्य आपको स्वयं करना चाहिए.


जब आप अपने दिमाग या मन को प्रशिक्षण करने की दिशा में आगे बढ़ते हैं तो इसका मतलब कि आप अच्छे मार्ग पर आगे धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं जो कि आपको भविष्य में कामयाबी के शिखर पर ले जाने में आपकी बहुत ही सहायक साबित हो सकता है.



दोस्तों, यदि आप चाहते ही हैं कि हमें किसी रूप से अपनी  नकारात्मक सोच को पॉजिटिव बनाने का है तो इसके लिए आपको अपने मन को प्रशिक्षित करना जरूरी हो जाता है, क्योंकि हमारा दिमाग या मन कुछ समय में ही अनियंत्रित हो जाने के कारण कई अलग-अलग कार्य करने के लिए उतावला हो जाता है जिससे हमारा ही नुकसान होता है.


कोशिश करना अभी से ही जारी करना चाहिए कि अपने मन और मस्तिष्क को प्रशिक्षित करके सही मार्ग पर आगे बढ़ने का उचित तरीका ढूंढा जाए जिससे आपका विकास आसानी के साथ धीरे-धीरे होता रहे.



3) नकारात्मक ऊर्जा को अपने ऊपर हावी न होने दें


दोस्तों, यदि हमारे ऊपर नकारात्मक ऊर्जा पूर्ण रूप से हावी हो जाता है तो हमें बहुत सारे परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन उसी नकारात्मक ऊर्जा को सुचारू ढंग से समझकर यदि समझदारी से सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित करके ग्रहण करने से हमारे जीवन में आने वाले कई सारे समस्याओं का समाधान भी आसानी से हो जाता है. 


 यदि आप इन बातों पर अच्छी तरह से गौर करेंगे तो आपको समझ में आ जाएगा कि अपने ऊपर किसी प्रकार के नकारात्मक ऊर्जा को हावी होने के बावजूद भी उसे समझदारी से सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तन किया जा सकता है.


नकारात्मक ऊर्जा के बारे में सामाजिक स्तर पर कई सारे छोटी बड़ी अफवाहें या अंधविश्वास फैली हुई होती है, उससे हमें बचकर रहना चाहिए ताकि और भी अपने ऊपर नकारात्मकता को पूरी तरह से हावी ना होने दें.



4) खुद के लिए एकांत में बैठने के लिए समय निकालें



दोस्तों, जब भी दिन में स्वयं के लिए एकांत स्थान पर बैठने के लिए समय निकालते हैं और खुद के बारे में विचार करते हैं तो हमें बहुत सारे विचार हमारे मन में घूमते रहते हैं. इसी वक्त ऐसा समय होता है कि हम उस सभी विचारों को अच्छी तरह से समझ कर नकारात्मक विचार को भी पॉजिटिव बना सकते हैं.


 

जब कोई व्यक्ति दिन रात दूसरे व्यक्तियों के लिए कार्य करता रहता है, तो वह व्यक्ति अपने आप के लिए समय नहीं निकाल पाता है. जिस कारण से वह अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों को अनुभव नहीं कर पाता है जिस वजह से वह हमेंशा दूसरों के लिए जीता ही रहता है.



आप एकांत में बैठकर स्वयं के बारे में अच्छी-अच्छी बातों को खुद से बोल सकते हैं और अपने मन में आने वाले नकारात्मक विचार को सटीकता के साथ नियंत्रित भी करना एकांत में ही आप सीख सकते हैं. क्योंकि मन को नियंत्रित करना एक तरह से मन को प्रशिक्षित करने के समान होता है.



यदि आप अपने मन पर विजयी हो जाएंगे तो आप अच्छे अच्छे कार्य आसानी के साथ करते रहेंगे, जिससे नकारात्मक विचार दिमाग में आने पर भी आप उसे अच्छी तरह से समझ लेंगे कि यह नकारात्मक विचार है और इस विचार को इस प्रकार से सकारात्मक में बदला जा सकता है.



5) नेगेटिव सोच को मेडिटेशन के द्वारा कम करें



दोस्तों, अपनी नकारात्मक सोच को पॉजिटिव बनाने का सबसे महत्वपूर्ण और सटीक तरीका होता है - वह है मेडिटेशन.

मेडिटेशन के द्वारा आप कोई भी नकारात्मक विचार को सकारात्मक या पॉजिटिव में बदल सकते हैं इसके लिए आपको कुछ समय के लिए शांत मन से मेडिटेशन जरूर करना चाहिए, क्योंकि इससे फायदा ही होता है.


उदाहरण के लिए,


जैसे कि अगर कोई हमारा निजी घर का कमरा गंदा पड़ा होता है तो हमें उसे समय निकालकर उस घर या कमरा का सफाई अच्छी तरह से करना होता है, इसके लिए समय तो लगता ही है.

                                        ठीक उसी प्रकार से आपको अपनी मन या मस्तिष्क में मानसिक रूप से उठ रहे कई सारे नकारात्मक विचार जैसे कचरे को साफ करने के लिए आपको कुछ ना कुछ तो समय मेडिटेशन के साथ बीताने के लिए आना ही चाहिए, इससे आप मानसिक रूप से फुर्तीला और उत्साहित हो सकते हैं और आप में निर्णय लेने की क्षमता और अधिक बढ़ सकती है.



अधिकतर बार देखा जाता है कि जब भी हमारे मन में नकारात्मक सोच उठते रहने के कारण निर्णय लेने की क्षमता बहुत कम हो जाती है और हम बड़े-बड़े डिसीजन नहीं ले पाते हैं. कोई निर्णय लेना भी चाहते हैं तो गलत फैसले में परिवर्तित हो जाता है जिससे हमारा नुकसान ही होता है.



जब आप मानसिक रूप से तंदुरुस्त रहेंगे तभी आप कोई भी बड़े-बड़े निर्णय को आसानी के साथ सटीकता से ले सकते हैं और अपने जीवन में अच्छे-अच्छे कार्य भी कर सकते हैं. हो सकता है कि आप दूसरे व्यक्तियों के लिए काफी उपयोगी साबित भविष्य में होंगे.



दोस्तों, आपका विचार ही दूसरों को आपके बारे में परिचय कराता है जैसे कि आप दूसरे से बात करते हैं और जिस प्रकार से जिस मानसिकता के साथ आप दूसरे व्यक्तियों के साथ अपने विचारों को व्यक्त करते हैं इससे पता चलता है कि आपकी मानसिकता कैसी है और आप अपनी मानसिकता कैसी रखते हैं.



इसलिए दोस्तों अपनी मानसिकता को सही और उचित समय पर बारिकी से परख लेना चाहिए, ताकि आपको भविष्य में कोई परेशानी ना हो सके.



निष्कर्ष :-


दोस्तों, मैं आशा करता हूँ कि आपको इस पोस्ट में प्रस्तुत किया गया - अपनी नकारात्मक सोच को पॉजिटिव कैसे बनाएं ?


आप को पढ़कर अच्छा लगा होगा मैं पूरा विश्वास दिलाता हूँ कि आपको भविष्य में अच्छे-अच्छे कंटेंट मिलते रहेंगे, जिससे आपको अपने जीवन में सकारात्मकता को बरकरार रखने में सहायक साबित भविष्य में हो सके.


मनसा मोटिवेशन डॉट कॉम पर पधारने के लिए और

अपना बहुमूल्य समय इस पोस्ट पर बिताने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद!