अपने आप या खुद से प्यार कैसे करें?- Khud Se Pyar Kaise Kare Hindi Mein


दोस्तों, कभी-कभी हम अपने आप को दुख पहुंचाने की कोशिश बहुत करते हैं लेकिन अपने आप को अच्छी तरह से समझने की कोशिश बहुत कम ही करते हैं.


दोस्तों आज इस ब्लॉग पोस्ट में आप जानेंगे कि अपने आप या खुद से प्यार कैसे करें?


कुछ हमारे जीवन में ऐसे समस्या उत्पन्न हो जाती है या कुछ परिस्थितियां ऐसे सामने खड़ा हो जाता है, जिससे हमें खुद पर से विश्वास उठ जाता है कि मैं कुछ नहीं कर सकता हूँ और मैं किसी काम लायक नहीं हूँ. दोस्तों इस प्रकार की भावना तभी हमारे दिमाग में आता है जब हम अपने आप से प्यार नहीं करते हैं.


खुद से प्यार कैसे करें?
              Khud Se Pyar Kaise Kare



दोस्तों जिस दिन आप खुद से प्यार करेंगे तो आपको कई सारे सवालों का जवाब एक साथ आसानी के साथ मिल जाएगा. जैसा आप सवाल अपने आप से पूछते हैं.



खुद से प्यार कैसे करें? 



1) " मैं कौन हूँ?" सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करें


दोस्तों जीवन में कई प्रकार के संघर्ष से भरपूर परिस्थितियां आते ही रहते हैं लेकिन जब आप सबसे पहले खुद के बारे में और वास्तविक में मैं कौन हूँ? 

इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करेंगे तो आपको अपनी क्षमता के बारे में अधिक मात्रा में आपको जानकारी हासिल होगी जिसके द्वारा आप अपने हुनर का इस्तेमाल सही से और सही समय पर कर सकते हैं.


ज्यादातर व्यक्तियों को मालूम ही नहीं होता है कि मेरी क्षमता क्या है और मैं क्या कर सकता हूँ. इसी वजह से दूसरों के बारे में बातें करते रहते हैं और अपना समय बर्बाद करने की कोशिश करते हैं, जिससे उनका जीवन कई प्रकार के समस्याओं से भरा हुआ नजर आता है।


इसीलिए दोस्तों आप इस प्रकार के समस्याओं से बाहर निकलकर नई दुनिया में जीने की कोशिश करें ताकि आप बाकी व्यक्तियों के समान ना सोचे बल्कि दूसरों से हटकर दिमाग में विचार लाने की कोशिश करने से आप बहुत क्रिएटिव भी बन सकते हैं और अपने आप से प्यार कर सकते हैं.


दोस्तों, कहा जाता है-जब आप खुद से प्यार करते हैं तभी आप दूसरों को प्यार बांट पाते हैं. 




2) दिन में कुछ घंटे स्वयं के साथ समय बिताएं



दोस्तों, आपको पढ़कर थोड़ा आश्चर्य जरूर हो रहा होगा कि दिन में कुछ घंटे स्वयं के साथ समय बिताएं.


ऐसा भी होगा या ऐसा भी सवाल उठेगा कि आप तो खुद के साथ हर वक्त बिताते हैं तो ऐसा क्यों लिखा गया है कुछ घंटे स्वयं के साथ समय बिताएं.


यह वास्तविक है कि आप खुद के साथ समय बिताते हैं लेकिन उस स्तर से नहीं बिताते हैं जैसा कि अपने को समय देना चाहिए.


दोस्तों जब आप खुले वातावरण में और प्रकृति के साथ कुछ समय स्वयं के साथ समय बिताते हैं तो आप अपने बारे में ही विचार करने की कोशिश करते हैं कि मैं जीवन में क्या कर सकता हूँ और मैं दूसरों की सहायता किस प्रकार से कर सकता हूँ.


यह दूसरा उदाहरण लेते हैं कि यदि आपके पास कोई बड़ा निर्धारित लक्ष्य है तो उसके बारे में सोचें कि मैं किस प्रकार से अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता हूँ और भविष्य में कैसे पूरा करने की कोशिश करूंँगा.


दोस्तों, जब आप अकेले में स्वयं के साथ समय बिताते हैं तो किसी से बात ना करें बल्कि खुद से बात करने की कोशिश करें कि मैं अभी किस स्थान पर हूँ और मैं किस स्थान पर पहुंचना चाहता हूँ. यहाँ किसी विशेष स्थान के बारे में बात नहीं हो रहा है, बल्कि पोजीशन के बारे में बात हो रहा है कि किस स्तर पर अभी आप कार्य कर रहे हैं और भविष्य में आप किस स्तर पर पहुंचना चाहते हैं. आपको कुछ-कुछ चीजें समझ में आ रही होगी कि मैं किस विषय में बात कर रहा हूँ.



3) नियमित मेडिटेशन करने की आदत कुछ मिनट के लिए जरूर डालें


दोस्तों, मेडिटेशन ऐसा चीज होता है जोकि आपको आत्मज्ञान दिलाने में सहायक साबित होता है आपने बहुत सारे ऋषि मुनियों के बारे में जरूर सुने होंगे उन्होंने भी मेडिटेशन की सहायता से ही कई प्रकार के मंत्र ज्ञान और जीवन से संबंधित कई प्रकार के ज्ञान को हासिल किए हैं.


इसलिए दोस्तों मेडिटेशन को हल्के में कभी भी ना लें बल्कि आत्म ज्ञान को बढ़ाने के लिए मेडिटेशन एक प्रकार का कारगर तरीका है और भविष्य में भी रहेगा क्योंकि मेडिटेशन के द्वारा आप अपने आप के बारे में अनुभव बारीकी से कर सकते हैं और सांसारिक मोहमाया से बाहर निकल कर आप काल्पनिक दुनिया में मेडिटेशन के द्वारा अनुभव या महसूस कर सकते हैं.


दोस्तों, यदि आप अपने आप से प्यार करना चाहते हैं तो आपको प्रतिदिन कम से कम कुछ मिनट के लिए समय निकालकर जरूर मेडिटेशन करना चाहिए, जिससे आप प्रोडक्टिव व्यक्ति बन सकते हैं.



4) स्वयं को अनुशासित रखने की कोशिश करें



कई व्यक्तियों को अनुशासन न के बराबर पसंद होता है लेकिन जो व्यक्ति अनुशासन को अच्छी तरह से समझ लेते हैं वह अपने जीवन को भी बदलने की क्षमता रखते हैं.


अनुशासन केवल हमें अनुशासित ही नहीं करता है बल्कि हमें समय का सदुपयोग करना भी सिखाता है जोकि किसी भी व्यक्ति को कामयाब बनने के लिए अति आवश्यक होता है.


अनुशासन हमें आलस्य को दूर करने के साथ-साथ समय पर फुर्तीला भी बनाने की कोशिश करता है जो कि एक सकारात्मक कदम होता है.



निष्कर्ष :-


दोस्तों यदि आप खुद से प्यार सच्चे ह्रदय से करेंगे तो आप कई प्रकार के आने वाले छोटी बड़ी समस्याओं से संघर्ष बड़े ही शिद्दत के साथ कर सकते हैं और जीवन में आगे बढ़ते रह सकते हैं.

इस पोस्ट में आपने समझा कि खुद से प्यार कैसे करें.


आपको यदि आपको यह पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा तो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और खुद से प्यार प्रयास जरूर करें.


दोस्तों आप अपना कीमती समय इस ब्लॉग पोस्ट पर बिताने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!



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