सच्ची खुशी कैसे हासिल करें (Suchi khushi kaise hasil Karen in hindi)


मनसा मोटिवेशन डॉट कॉम में आपका स्वागत है आज हमें बहुत खुशी मिल रही है कि आपको सच्ची खुशी कैसे हासिल करें- Suchi khushi kaise hasil Karen in hindi. इसके बारे में अपने विचारों को व्यक्त करने का समय मिला है जो आपको सच्चे मार्ग पर ले जाने में कुछ ना कुछ मददगार साबित हो सकता है.


इस प्रकार के पोस्ट को लिखने में हमें बहुत खुशी भी मिल रही है ताकि यह पोस्ट के द्वारा किसी को मालूम हो हो सके कि सच्ची खुशी कैसे हासिल होता है.


Suchi khushi kaise hasil Karen in hindi
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दोस्तों, दुनिया में कौन सा इंसान नहीं है जो खुशी में ज्यादा है हर इंसान चाहता है कि वह अपने जीवन में अच्छे से खुश रहें.


जीवन को बेहतर बनाने के लिए खुशी की तलाश तो करना ही पड़ता है, आप चाहे कोई भी परिस्थिति में हो.


कई संतों और विद्वानों के द्वारा मानव जाति को कई सारे उपाय को सच्ची खुशी पाने के लिए देकर गए हैं जो एक सच्चे इंसान को उत्पन्न करने में बहुत ही मददगार साबित होता आ रहा है और भविष्य में होता भी आएगा.


उदाहरण के लिए, जब आप धार्मिक ग्रंथ पढ़ते हैं तो आप कई सारे संत और गुरुओं के वचनों पर ध्यान देकर अपने जीवन को सुदृढ बनाने के लिए प्रयास करते हैं.



सच्ची खुशी क्या है? What is Real Happiness in Hindi


सच्ची खुशी वही होता है जिस खुशी के द्वारा आपको असंतुष्ट की भावना नहीं उत्पन्न होता है बल्कि संतोष की भावना बरकरार रहता है, किसी भी प्राणी को दुख पहुंचाने का भावना नहीं होता है बल्कि दूसरे को भलाई करने की भावना बरकरार रहता है, स्वार्थ की भावना कभी उत्पन्न नहीं होता है बल्कि दूसरों को निस्वार्थ भाव से मदद करने की भावना बरकरार रहता है, और दूसरों को नुकसान पहुंचाने के बजाय लाभ के बारे में विचार करते हैं.


सच्ची खुशी हमारे अंदर नकारात्मक की भावना को नजरअंदाज कर देता है और सकारात्मक की भावना को अपनाने का कार्य करता है.


सच्ची खुशी उत्पन्न होने से आपने सकारात्मक नजरिया का संचार होता है और आप दुनिया को सकारात्मक रूप से देखने लगते हैं.





सच्ची खुशी कैसे हासिल करें- Suchi khushi kaise hasil Karen in hindi


1) मन और दिल से खुद को अनुशासित करें


दोस्तों जैसा आप जानते हैं हमारा मन बहुत ही चंचल होता है जो अलग-अलग परिस्थिति में अलग-अलग विचारों को उत्पन्न करता है और अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए हमारे शरीर से कुछ न कुछ क्रियाएं करवाता ही रहता है।

चंचल मन को अनुशासित बनाने से आप जब चाहे मन को नियंत्रित करने की क्षमता होता है।


यदि आप सच्ची खुशी पाना चाहते हैं तो अपने मन को अनुशासित जरूर बनाने की कोशिश करें ताकि आप अपने मन को सही ढंग से एकत्रित कर सको।


कहां जाता है की जब कोई भी निर्णय या फैसला को लेते समय जब हम दिल का इस्तेमाल बखूबी ढंग से करते हैं तो सही दिशा में आगे बढ़ता है।


कभी-कभी हमारा दिल छोटे से वांडरिंग में ही रहने की कोशिश करता है जिस कारण से हम अपने बाहरी दुनिया को अच्छे ढंग से नहीं जी पाते हैं।


जब आप मन को अनुशासित कर लिए हैं तो आपको साथ साथ में अपने दिल को भी अनुशासित बनाने की जरूरत पड़ेगी क्योंकि जब मन अनुशासित हो जाएगा तब दिल भी सही से निर्णय लेने के लिए एक सार्थक भूमिका निभा सकता है लेकिन यह सब आप पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार से इस्तेमाल करते हैं।


2) प्रेम से भरपूर विचारों को अपनाकर सच्ची खुशी को हासिल करें



प्रेम से भरपूर विचारों का मतलब होता है कि आपके अंदर कोई हिंसा की भावना किसी के प्रति नहीं है और आपका मन शुद्ध है और आप अशांति के बदले शांति फैलाना चाहते हैं, हिंसा के बदले अहिंसा फैलाना चाहते हैं क्रोध के बदले प्यार फैलाना चाहते हैं इन प्रकार के विचारों को आप जब अपनाएंगे तो आपको अपने आप में खुशी महसूस या अनुभव होगा और आपको सुकून महसूस होगा कि मैं अच्छा काम कर रहा हूं.


दोस्तों यदि आप किसी गरीब व्यक्ति को सच्चे मन से और सच्चे हृदय से सेवा करते हो तो आपको आंतरिक रुप से बहुत खुशी मिलती है.


और जब आप स्वार्थ में किसी पर एहसान करते हो तो आपको अपने आप में घमंड महसूस होता है यहां आपको यहां आप में अहंकार की भावना उत्पन्न होने लगता है जो एक तरह से गलत भावना है.अहंकार की भावना सच्ची खुशी में कभी नहीं आता है.


इसलिए अहंकार की भावना सच्ची खुशी पाने के लिए कभी भी न अपनाएं.


सच्ची खुशी तो आपको तभी मिलेगी जब आप दूसरों से प्रेम पूर्वक और निस्वार्थ भाव से किसी की सेवा करेंगे.



3) दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने से सच्ची खुशी मिलती है


दोस्तों जब कोई व्यक्ति दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करता है तो उस व्यक्ति को भी अच्छा महसूस होता है और साथ ही साथ जिस व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार किया गया है उन्हें भी खुशी का अनुभव होता है.


यदि आप दूसरों के साथ बुरा बर्ताव करेंगे तो आपको भी गलत महसूस होने लगता है कुछ समय के बाद.

दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करने से हमें भी निराशा ही मिलता है.


दोस्तों यदि आप सच्चे हृदय से सच्चे मन से किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं तो वह व्यक्ति आप से घनिष्ठ रिश्ता बना लेता है और आपको अच्छा व्यक्ति मानता है और दूसरों को भी प्रचार करता है कि वह व्यक्ति बहुत नेकी है और वह व्यक्ति दूसरों की भलाई करना अच्छी तरह से जानता है.



4) धार्मिक ग्रंथों के वचन को बारीकी से समझें


दोस्तों जिस प्रकार से शारीरिक रूप से मजबूत बनने के लिए व्यायाम योगा का सहारा लेना पड़ता है ठीक उसी प्रकार से हमें मानसिक रूप से मजबूत बनने के लिए आध्यात्मिक साधना या मेडिटेशन जैसे क्रियाओं को अपनाना पड़ता है।


आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनने के लिए धार्मिक ग्रंथों का सहारा लेना तो बहुत ही जरूरी हो जाता है।

क्योंकि धार्मिक ग्रंथों में ऐसी ऐसी बातें लिखी होती है जो हमारे दिल को बहुत ही प्रभावित कर देता है।


धार्मिक ग्रंथ में महान गुरुओं और संतो के वचन बड़े ही सरलता के साथ प्रस्तुत किया हुआ रहता है।


यदि आपको धार्मिक ग्रंथ को पढ़ने में परेशानी होती है, तो आप उसका अनुवाद करके भी कुछ महत्वपूर्ण बातों को समझ सकते हैं।



5) आपके अंदर ही सच्ची खुशी मौजूद है


दोस्तों अगर आपसे कोई बोले कि आपके अंदर ही सच्ची खुशी भरा पड़ा है तो आप क्या आश्चर्यचकित होंगे.

यह सही बात है दोस्तों कि आपके अंदर ही सच्ची खुशी मौजूद होता है लेकिन हमें हम इंसान में अज्ञानता के कारण इधर-उधर भटकते रहते हैं खुशी की तलाश में.


अंत में कहें तो आपके अंदर ही सच्ची खुशी विद्वान होता है उसे पहचानने के लिए आपको स्वयं के बारे में अच्छी ज्ञान होनी चाहिए.

अपनी समझदारी और विवेक के द्वारा सच्ची खुशी अपने आप में ढूंढ सकते हैं.



निष्कर्ष:-


दोस्तों, पूरी तरह से उम्मीद किया हूं कि आपको यह पोस्ट सच्ची खुशी कैसे हासिल करें- Suchi khushi kaise hasil Karen in hindi पर प्रस्तुत किया हुआ बेहद अच्छा लगा होगा.


अपनी आंतरिक ज्ञान को बढ़ाते रहें और अपने आपको सुदृढ़  समय के अनुसार बनाते रहे।

इस प्रकार की भावना ही इस ब्लॉग वेबसाइट का मकसद है।


अपने समय को इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपको प्रेम पूर्वक बहुत-बहुत धन्यवाद!