क्या जीवन में सबकुछ कर्म से होता है ? - kya jeevan mein sabakuchh karm se hota hai ?


दोस्तों, जीवन में पहले से कोई अनुमान निर्धारित नहीं होता है। लेकिन दुनिया में परिवर्तन करने के लिए समय के अनुसार होता रहता है। 

इस ब्लॉग पोस्ट में समझने की कोशिश करेगें कि क्या जीवन में सबकुछ कर्म से होता है - kya jeevan mein sabakuchh karm se hota hai ?


क्या जीवन में सबकुछ कर्म से होता है


क्या जीवन में सबकुछ कर्म से होता है ?

हाँ, जीवन में सबकुछ कर्म से होता है, क्योंकि जैसा हम कर्म करेगें, उसी का परिणाम या फल समय के मुताबिक मिलता है।

इसीलिए दोस्तों, पवित्र ग्रन्थों में कर्म का जिक्र कई बार होता है। 


जैसे कि श्रीमद्भगवद्‌गीता (Shrimad Bhagwat Geeta) में कर्म के बारे सबसे खास अनमोल सुविचार का जिक्र किया गया है, कि अच्छे कर्म करते रहो और कर्म के फल पाने की चिन्ता मत कीजिए। 



कर्म को करने के बेहतर तरीके :-

दोस्तों, आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कर्म को करने के बेहतर तरीके कौन-कौन से हैं और हमें क्यों अपनाना चाहिए।


1. दिमाग में अच्छे सोच रखें 


कोई भी कर्म को करने से पहले अपने दिमाग में सकारात्मक सोचने की कोशिश करें क्योंकि जब आप नकारात्मक सोचने लगते हैं, तो आप पर नकारात्मक विचार ज्यादा प्रभावित हो जाते हैं और आपको सही कर्म करने से भटका देता है।

साथ में, हाँ वाकई में आप भटक भी जाते हैं इसलिए दिमाग में अच्छी सोच को रखने की कोशिश करें, इससे आपके मानसिक स्तर से विकास होगा और आप अच्छे कर्म की ओर अग्रसर हो सकते हैं।


2. कर्म या कार्य को समझदारी से करना 


दोस्तों, जब आप किसी कार्य को सही ढंग से नहीं करते हैं तो आपका ही नुकसान होता है. इसलिए कोशिश हमेंश करना चाहिए कि आपको कार्य को समझ बूझ कर अच्छे ढंग से करने की कोशिश हरदम करने की कोशिश करना चाहिए।


इससे आप सही गलत कर्म को बारीकी से समझ जाते हैं और कार्य को सही ढंग से कर पाते हैं।



3. कर्म को कड़ी मेहनत से करना 


दोस्तों, ज्यादातर व्यक्ति कर्म को कर्म की तरह नहीं करते हैं बल्कि कर्म को ही धर्म समझ बैठते हैं।

लेकिन वाकई में कर्म को मेहनत से करना उचित होता है। जिंदगी में कोई भी कार्य करते हैं उसमें बिना मेहनत के कोई फल की कामना नहीं कर पाता है।

इसलिए दोस्तों कोई भी कर्म को करने से पहले यह सोच ले कि हमें इस कर्म को पूरी लगन और मेहनत के साथ करना होगा।

ताकि सही कर्म को करने के बाद कुछ समय के बाद फल मिल सके।



4. कर्म को ईमानदारी से करना 


कर्म करने का तरीका हर व्यक्ति के लिए अलग अलग होता है लेकिन सबसे कॉमन बात या साधारण बात यह है कि कोई भी काम को करने से आपको कुछ ना कुछ फल की प्राप्ति होता है या नहीं भी हो सकता है।


इसलिए सही कर्म को चुनें ताकि आप उस कार्य को बड़े ही ईमानदारी पूर्वक कर सको और उस कार्य को करके आपको सही परिणाम मिल सके।



5. खुद पर भरोसा करते हुए कर्म को करना 


दोस्तों, जब आप डिसाइड या निर्णय कर लेते हैं कि हमें इस काम को करना ही होगा तो आप उस कार्य को करने के लिए जी जान लगा देते हैं।

खुद पर भरोसा रखें कि मैं कार्य कर सकता हूँ और मैं अपने कार्य को पूरा करके रहूँगा।


सच्चे मन से कर्म करने के लिए खुद में आत्मविश्वास बनाए रखें और खुद पर भरोसा करना सीखें।




6. कर्म को धैर्य के साथ पूरा करना 


कोई भी कार्य को जब आप करते हैं तो उस कार्य को करने में धैर्य रखना जरूरी हो जाता है क्योंकि कहा जाता है - हड़बड़ी में गड़बड़ होता है।


इसलिए दोस्तों कोई भी सही कार्य को करने के लिए आपको धैर्य तो रखना ही होगा। 


आपका सपना कितना भी बड़ा हो लेकिन उसमें भी आपको धैर्य रखना होता है और धैर्य रखते हुए अपने समय का इस्तेमाल सही ढंग से करना होता है तभी आपको सफलता मिलती है।



7. कर्म को आत्मनिर्भर होकर करें 


दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि कोई भी कर्म जो कि वाकई में सही होते हैं उसे करने में आपको संकोच नहीं करना चाहिए।

बल्कि अपने आप में आत्मविश्वास रखने के साथ-साथ आत्मनिर्भर होकर सही कर्म को करना चाहिए।


आपने कहावत में बहुत बार सुना होगा कि कोई भी कर्म छोटा या बड़ा नहीं होता है कर्म कर्म ही होता है इस दुनिया में कर्म से बड़ा कुछ नहीं होता है।


कर्म जानवर हो या इंसान हर कोई करता है, लेकिन इंसान जो भी काम करता है, अच्छा या बुरा कर्म को पहचानने की क्षमता रखता है।




8. कर्म ऐसा करें कि खुद के लिए बेहतर और दूसरों के लिए लाभकारी हो 


दोस्तों, जैसा आप व्यवहार पसंद करते हैं, तो आपको भी ठीक वैसा ही आचरण दूसरे व्यक्तियों के साथ करना बहुत ही उचित होता है।



निष्कर्ष :- 

दोस्तों, इस ब्लॉग पोस्ट में आप समझने की कोशिश किए हैं कि क्या जीवन में सबकुछ कर्म से होता है - kya jeevan mein sabakuchh karm se hota hai ? 


विशेष बातों को समझने को मिला कि कर्म को करने के बेहतर तरीके क्या-क्या है ?

दोस्तों, हकीकत में यही है कि जब तक आप अपने जीवन में किसी ज्ञान इस्तेमाल नहीं करेगें, तब तक आपको कोई फायदा नहीं हो सकता है।

दोस्तों, सच्चाई हर व्यक्ति को कड़वा लगता है, लेकिन जो व्यक्ति सच को स्वीकार कर लेता है, वह व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों से मानसिक रूप से सशक्त बन जाता है।

इसी प्रकार का पोस्ट पढ़ने के इस ब्लॉग पर जरूर दुबारा पधारें।

अपने कीमती समय निकालकर अपने जीवन को कर्म के बदौलत बदलने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।